वो अपनी आँखों से सपने देखते हैं,
वो मेरी आँखों से भी अपने सपने देखते हैं
और मैं सबके सपने को अपनी आँखों में जगह देता हूँ |
दर्द बस इतना हैं ऐ ज़िन्दगी, दर्द बस इतना सा ही तो हैं ज़िन्दगी कि...
मैंने भी आँखों में एक अपना सपना सजा के रखा था
जो चुप-चाप से अश्क़ बन कर बहता हैं कही
वो मेरी आँखों में मेरा एक सपना ही तो हैं,
जो रहता हैं दबा-सा, छुपा-सा कही,
एक सपना हैं मेरा अपना
जो कोई मेरी आँखों में नहीं देखता |