मेरी बातों से मुझे अच्छा मत समझना तुम
मैं थोड़ा सरफिरा, थोड़ा जुनूनी हूँ
किसी का दिल तोड़ के आया हूँ
किसी के इश्क़ का मैं खुनी हूँ ||
मुझे तो कुछ और ही करना था
अपने सपने के लिए लड़ना था
खुद से भाग रहा हूँ मैं मगर
एक अंतर्द्वंद से जूझ रहा
क्यों करता हूँ ये सब पूछ रहा ||
ये जो खुशियाँ मैंने पायी हैं
उसकी रहमत उस ही की भलाई हैं
क्यों कदम कदम हैं वो साथ मेरे
क्यों रखता हैं सर पर हाथ मेरे
मैं मंदिर मज्सिद से दूर बड़ा
इंसानियत ही हैं सिर्फ धर्म मेरा ||
मैं थोड़ा सरफिरा, थोड़ा जुनूनी हूँ
किसी का दिल तोड़ के आया हूँ
किसी के इश्क़ का मैं खुनी हूँ ||
मुझे तो कुछ और ही करना था
अपने सपने के लिए लड़ना था
खुद से भाग रहा हूँ मैं मगर
एक अंतर्द्वंद से जूझ रहा
क्यों करता हूँ ये सब पूछ रहा ||
ये जो खुशियाँ मैंने पायी हैं
उसकी रहमत उस ही की भलाई हैं
क्यों कदम कदम हैं वो साथ मेरे
क्यों रखता हैं सर पर हाथ मेरे
मैं मंदिर मज्सिद से दूर बड़ा
इंसानियत ही हैं सिर्फ धर्म मेरा ||